मुख्य द्वार का स्थान वास्तु शास्त्र में

मुख्य द्वार का स्थान वास्तु शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश बिंदु होता है। यदि मुख्य द्वार सही दिशा में न हो या वास्तु के अनुसार न बना हो, तो इसके कुछ निवारण के उपाय किए जा सकते हैं।

1. मुख्य द्वार की दिशा

  • पूर्व दिशा: यह दिशा सूर्य उदय की दिशा है और इसे ज्ञान, ऊर्जा और समृद्धि का स्रोत माना जाता है। मुख्य द्वार को पूर्व दिशा में रखना शुभ होता है।
  • उत्तर दिशा: यह दिशा कुबेर की मानी जाती है और धन, सफलता तथा सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है।
  • उत्तर-पूर्व दिशा: इसे ईशान कोण भी कहते हैं, और इसे सबसे शुभ दिशा माना जाता है। यह स्वास्थ्य, शांति और प्रगति को बढ़ावा देती है।
  • दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम या पश्चिम: इन दिशाओं में मुख्य द्वार वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है, इसलिए इसके लिए विशेष उपाय करने चाहिए।

2. मुख्य द्वार के वास्तु दोष और उनके उपाय

दोष उपाय
मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में हो
  1. मुख्य द्वार के ऊपर पीतल या तांबे का सूर्य का प्रतीक लगाएं।
  2. द्वार पर लाल रंग की चटाई रखें।
  3. रोजाना गंगाजल का छिड़काव करें।
द्वार दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो
  1. दरवाजे के दोनों ओर तुलसी का पौधा लगाएं।
  2. एक पीतल या धातु की गणेश प्रतिमा द्वार पर रखें।
  3. एक छोटी सी मटका या कलश में पानी भरकर द्वार के पास रखें।
मुख्य द्वार पश्चिम दिशा में हो
  1. द्वार पर भगवान गणेश या स्वस्तिक का चिह्न बनाएं।
  2. प्रवेश द्वार पर नीला रंग या नीले रंग की चटाई रखें।
  3. रोजाना दीप जलाएं और पूजा करें।
दक्षिण-पूर्व दिशा में मुख्य द्वार
  1. दरवाजे के ऊपर एक घड़ा या मटका लटकाएं जिसमें पानी हो।
  2. मुख्य द्वार के पास लाल रंग का बल्ब जलाएं।
  3. एक मनी प्लांट लगाएं जो ऊर्जाओं को सकारात्मक बनाए रखे।
मुख्य द्वार का सीधा संपर्क शयनकक्ष या बाथरूम से हो
  1. दरवाजे के सामने पर्दा लगाएं ताकि ऊर्जा सीधी अंदर न जाए।
  2. मुख्य द्वार के सामने क्रिस्टल बॉल रखें।
मुख्य द्वार का सीधा संपर्क सीढ़ियों या खिड़कियों से हो
  1. द्वार के सामने विंड चाइम्स लगाएं ताकि ऊर्जा का प्रवाह नियंत्रित रहे।
  2. दरवाजे के सामने पानी का फव्वारा या पौधा रखें।

3. मुख्य द्वार को वास्तु के अनुसार सजाने के उपाय

  • द्वार के दोनों ओर शुभ चिन्ह जैसे स्वस्तिक, ओम, या मंगल कलश लगाना शुभ माना जाता है।
  • मुख्य द्वार के पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और इसे सुगंधित फूलों या धूप से शुद्ध रखें।
  • मुख्य द्वार पर स्वागत चिह्न या “शुभ लाभ” जैसी श्लोक या मंत्र लगाएं।
  • मुख्य द्वार पर रोजाना हल्दी और कुमकुम का टीका लगाना शुभ माना जाता है।

4. अन्य उपाय

  • द्वार के ऊपर एक पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर या गणेश जी की मूर्ति लगाएं।
  • नियमित रूप से मुख्य द्वार के आसपास गंगाजल का छिड़काव करें।
  • एक छोटी सी घंटी या घंटा द्वार पर लगाएं ताकि उसमें हर प्रवेश के साथ ध्वनि उत्पन्न हो और नकारात्मक ऊर्जा दूर हो।

इन उपायों को अपनाकर मुख्य द्वार के वास्तु दोषों को दूर किया जा सकता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।